Friday, January 1, 2016

वर्ष है पुराना ओढ़े वही फिर खाल नव!

"वर्ष नव हर्ष नव जीवन उत्कर्ष नव
उमंग नव तरंग नव जीवनप्रसंग नव"
जैसे हैं मनाते हम ईसा का साल नव
क्यों न वैसे ही मनायें शक-विक्रम नव!

वर्ष है पुराना ओढ़े वही फिर  खाल नव
शुभकामना हमारी अमल धवल नव! 

No comments:

Post a Comment