आजादी के इतने अरसे बाद राष्ट्र, राष्ट्रप्रेम और राष्ट्रीयता पर बहस होना यह बताता है कि भारत की बागडोर सही हाथों में नहीं गई।
आजादी के बाद बापू को आखिर क्यों कहना पड़ा था कि अब 'काँग्रेस को भंग कर देना चाहिए'?
गाँधी के दर्द का मतलब आपको तब समझ में आ गया होगा जब काँग्रेस के युवराज राहुल गाँधी और उनके सेकुलर गिरोह के लोग जेएनयू के अफजल प्रेमी गैंग के साथ खड़े दिखे।
चलिए, जभी जागो तभी सबेरा।
आजादी के बाद बापू को आखिर क्यों कहना पड़ा था कि अब 'काँग्रेस को भंग कर देना चाहिए'?
गाँधी के दर्द का मतलब आपको तब समझ में आ गया होगा जब काँग्रेस के युवराज राहुल गाँधी और उनके सेकुलर गिरोह के लोग जेएनयू के अफजल प्रेमी गैंग के साथ खड़े दिखे।
चलिए, जभी जागो तभी सबेरा।
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