संताः लोग आजकल बहुत बकैती कर रहे हैं?
बंताः बोलने की आजादी है और बोलवाने के लिए मीडिया है।
संताः फिर क्यों कहते कि बोलने की आजादी पर खतरा है?
बंताः क्योंकि पहले यह कहने की भी आजादी नहीं थी।
संताः कुछ लोग तो सोशल मीडिया को भी खतरा बता रहे हैं।
बंताः इन्हें दूसरों को बोलने की आजादी से खतरा है।ये टीवी-अखबार वाले या फिर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर टाइप लोग हैं।
संताः ब्रो, ये तो सास-बहू का मामला लगता है।
बंताः सो कैसे?
संताः कल तक जो बहू थी आज खुद सास बनते ही उसने अपनी बहू के मुँह पर जाब लगाना शुरू कर दिया।
बंताः सास कौन है और बहु कौन?
संताः टीवी-अखबार से चिपकी खूसट पीढ़ी सास है और सोशल मीडिया-मोबाइल पर सवार युवा पीढ़ी बहू।
बंताः बोलने की आजादी है और बोलवाने के लिए मीडिया है।
संताः फिर क्यों कहते कि बोलने की आजादी पर खतरा है?
बंताः क्योंकि पहले यह कहने की भी आजादी नहीं थी।
संताः कुछ लोग तो सोशल मीडिया को भी खतरा बता रहे हैं।
बंताः इन्हें दूसरों को बोलने की आजादी से खतरा है।ये टीवी-अखबार वाले या फिर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर टाइप लोग हैं।
संताः ब्रो, ये तो सास-बहू का मामला लगता है।
बंताः सो कैसे?
संताः कल तक जो बहू थी आज खुद सास बनते ही उसने अपनी बहू के मुँह पर जाब लगाना शुरू कर दिया।
बंताः सास कौन है और बहु कौन?
संताः टीवी-अखबार से चिपकी खूसट पीढ़ी सास है और सोशल मीडिया-मोबाइल पर सवार युवा पीढ़ी बहू।
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