अंतरराष्ट्रीय सिंहस्थ विचार महाकुंभः
महिला सशक्तिकरण-12 मई 2016
1. गृहिणी का मतलब क्या सिर्फ चूल्हा-चौकी डिपार्टमेंट का हेड होना है?
2. घर को बनाने के लिए वे जो काम करतीं हैं उनका आर्थिक मूल्यांकन और मूल्यन करने के क्या लाभ हो सकते हैं?
3. महिला सशक्तिकरण एक उधार की अवधारणा है?
4. क्या शक्ति का स्रोत होकर भी
उन्हें सशक्तिकरण की जरूरत है?
5. उन्हें उनकी अपनी नैसर्गिक शक्तियों का इस्तेमाल तो करने दो, गुरु!
6. और ये माँ-बहन की गालियाँ तो अबतक बंद नहीं कर पाए, क्यों?
7. इसके जारी रहने के क्या-क्या लाभ हैं?
8. ये गालियाँ पुरुषों को हमेशा 'ऊपर' और
महिलाओं को 'नीचे' रखती हैं?
9.महिला-सम्मान से ज्यादा जरूरी कहीं महिला-अधिकार तो नहीं हैं?
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