पाकिस्तान कोई मुल्क नहीं,
अल्लाह पाक के हुक़्म को तामीर करनेवाला एक जेहादी संगठन है...
■ पाकिस्तान कोई मुल्क नहीं है, यह अल्लाह के हुक़्म से पूरी दुनिया को मुसलमान बनाने के लिए तैयार जेहादियों का एक संगठन है।अगर ऐसा नहीं है तो अल्लाह अरब को छोड़ पाकिस्तान को एटम बम क्यों अता करता?
■ इसका मतलब यह कि इस्लामी दुनिया का ग़ाज़ी अब पाकिस्तान होगा,सऊदी अरब नहीं। सऊदी अरब का काम है पाकिस्तान के इस पाक काम में पेट्रो डॉलर की कमी नहीं होने देना।
■ इस नए इस्लामी ग़ाज़ी का पहला काम है ग़ज़वा–ए-हिन्द के द्वारा हिन्दुस्तान के 110 करोड़ काफ़िरों को मुसलमान बनाना, फिर पहले से रह रहे मुसलमानों की मदद से यहाँ इस्लामी शासन स्थापित करना। इसके बाद वे यूरोप का रुख करेंगे जहाँ सीरिया-इराक़ और अफ्रीका से गए जेहादी शरणार्थी उनका स्वागत करेंगे।
■ ग़ज़वा-ए-यूरोप का नेतृत्व भी पाकिस्तानी जेहादी ही करेंगे। साथ ही यह भी कि अगर जेहादियों से बात नहीं बनी तो जरुरत पड़ने पर पूरी दुनिया के लगभग 150 देशों में रह रहे 600 करोड़ काफ़िरों को बम मार-मारकर मुसलमान बनाया जाएगा।
■ इस प्रकार लगभग 100 साल बाद फिर से पूरी दुनिया में ख़िलाफ़त (Caliphate) स्थापित होगा जिसकी राजधानी इराक़-सीरिया-तुर्की में न होकर इस्लामाबाद में होगी।पहले ख़िलाफ़त 1400 साल चला था ; इस्लामाबाद का ख़िलाफ़त कितने दिन चलेगा, यह तो अल्ला पाक जाने।
इसके बाद क़यामत का दिन आएगा, अल्लाह सबका हिसाब लेंगे और ग़ज़वा-ए-हिन्द और ग़ज़वा-ए-यूरोप के मुजाहिदीन को ज़न्नत के टिकट देंगे जहाँ प्रत्येक को 72 हूरें मिलेंगी और बेहिसाब दारू भी होगी।
■ अब यह अमन की आशा रखे शांति के कबूतर उड़ानेवालों को तय करना है कि अपने हिन्दुस्तानी पासपोर्ट के बावजूद वे ग़ज़वा-ए-हिन्द के बौद्धिक जेहादी हैं या उसी हिन्दुस्तानी पासपोर्ट के कारण दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के जिम्मेदार नागरिक हैं।
4।10।16
अल्लाह पाक के हुक़्म को तामीर करनेवाला एक जेहादी संगठन है...
■ पाकिस्तान कोई मुल्क नहीं है, यह अल्लाह के हुक़्म से पूरी दुनिया को मुसलमान बनाने के लिए तैयार जेहादियों का एक संगठन है।अगर ऐसा नहीं है तो अल्लाह अरब को छोड़ पाकिस्तान को एटम बम क्यों अता करता?
■ इसका मतलब यह कि इस्लामी दुनिया का ग़ाज़ी अब पाकिस्तान होगा,सऊदी अरब नहीं। सऊदी अरब का काम है पाकिस्तान के इस पाक काम में पेट्रो डॉलर की कमी नहीं होने देना।
■ इस नए इस्लामी ग़ाज़ी का पहला काम है ग़ज़वा–ए-हिन्द के द्वारा हिन्दुस्तान के 110 करोड़ काफ़िरों को मुसलमान बनाना, फिर पहले से रह रहे मुसलमानों की मदद से यहाँ इस्लामी शासन स्थापित करना। इसके बाद वे यूरोप का रुख करेंगे जहाँ सीरिया-इराक़ और अफ्रीका से गए जेहादी शरणार्थी उनका स्वागत करेंगे।
■ ग़ज़वा-ए-यूरोप का नेतृत्व भी पाकिस्तानी जेहादी ही करेंगे। साथ ही यह भी कि अगर जेहादियों से बात नहीं बनी तो जरुरत पड़ने पर पूरी दुनिया के लगभग 150 देशों में रह रहे 600 करोड़ काफ़िरों को बम मार-मारकर मुसलमान बनाया जाएगा।
■ इस प्रकार लगभग 100 साल बाद फिर से पूरी दुनिया में ख़िलाफ़त (Caliphate) स्थापित होगा जिसकी राजधानी इराक़-सीरिया-तुर्की में न होकर इस्लामाबाद में होगी।पहले ख़िलाफ़त 1400 साल चला था ; इस्लामाबाद का ख़िलाफ़त कितने दिन चलेगा, यह तो अल्ला पाक जाने।
इसके बाद क़यामत का दिन आएगा, अल्लाह सबका हिसाब लेंगे और ग़ज़वा-ए-हिन्द और ग़ज़वा-ए-यूरोप के मुजाहिदीन को ज़न्नत के टिकट देंगे जहाँ प्रत्येक को 72 हूरें मिलेंगी और बेहिसाब दारू भी होगी।
■ अब यह अमन की आशा रखे शांति के कबूतर उड़ानेवालों को तय करना है कि अपने हिन्दुस्तानी पासपोर्ट के बावजूद वे ग़ज़वा-ए-हिन्द के बौद्धिक जेहादी हैं या उसी हिन्दुस्तानी पासपोर्ट के कारण दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के जिम्मेदार नागरिक हैं।
4।10।16
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