1890 के दशक में रूस में जब लोग अकाल से मर रहे थे तो परम कॉमरेड लेनिन ने ख़ुशी जाहिर करते हुए कहा था कि इससे लोगों में असंतोष बढ़ेगा और क्रान्ति होने की सम्भावना और बढ़ जाएगी।
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और इस तरह एक महान नेता ने अपने आम कम्युनिस्ट कार्यकर्ताओं के मन में अकाल से ऊपजे अपराध बोध को वैसे ही भगा दिया जैसे रौशनी घने अंधकार को भगाती है।
1.11.16
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और इस तरह एक महान नेता ने अपने आम कम्युनिस्ट कार्यकर्ताओं के मन में अकाल से ऊपजे अपराध बोध को वैसे ही भगा दिया जैसे रौशनी घने अंधकार को भगाती है।
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