भारत माँ का लाड़ला अपना दुखड़ा
किससे कहे ?
किससे गिड़गिड़ाये ?
कौन उसके आंसुओं का मोल समझता है?
कौन उसकी तड़प की भाषा समझेगा?
कौन उसके मन की बात को सीधे दिल में उतार लेगा?
माँ ही न, बाकी लोग तो हँसी ही उड़ायेंगे।
फिर उनका क्या जिनके लिये औरत सिर्फ एक 'खेत' है!
10.12.16
किससे कहे ?
किससे गिड़गिड़ाये ?
कौन उसके आंसुओं का मोल समझता है?
कौन उसकी तड़प की भाषा समझेगा?
कौन उसके मन की बात को सीधे दिल में उतार लेगा?
माँ ही न, बाकी लोग तो हँसी ही उड़ायेंगे।
फिर उनका क्या जिनके लिये औरत सिर्फ एक 'खेत' है!
10.12.16
No comments:
Post a Comment