बैंकों के कर्मचारी औसत 10-12 घण्टे खट रहे हैं।50 से 100 गुना अधिक ग्राहकों के लिए नोट गिनते-गिनते उनकी अँगुलियों में छाले पड़ गए हैं। तात्कालिक परेशानियों के बावजूद लोग ऐसे जश्न मना रहे जैसे बच्चा जनते हुये एक माँ। उधर अफवाहबाज़ लोग इस जश्न जो संकट में बदलने में लगे हैं। लेकिन इस बार देश जीतेगा और सफ़ेद कुर्ता हारेगा, यह तय है क्योंकि देश इतना हार चुका है कि अब उसके पास जीतने के सिवा कोई रास्ता नहीं है।
13.11.16
13.11.16
No comments:
Post a Comment