Wednesday, December 21, 2016

इस दिवाली इक दीया हिम्मत का भी जलायें

इस दिवाली इक दीया हिम्मत का भी जलायें
रौशनी में जिसकी सेकुलर दीमक जल जाएँ।
नज़ीर अकबराबादी के कदमों में बिछ जाएँ
हाली-इक़बाल को रास्ता बाहर का दिखायें।
30.10.16

No comments:

Post a Comment