Wednesday, December 21, 2016

राज ठाकरे 'सवर्ण राजनीति' के 'दलित चिंतक' और 'योद्धा' हैं!

राज ठाकरे 'सवर्ण राजनीति' के 'दलित चिंतक' और 'योद्धा' हैं जिनकी काकचेष्टा विरोध पर रहती है तो बगुला ध्यान विरोध-जनित शुभलाभ पर!

वैसे भी भारतीय सेना और 'महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना' दोनों में 'सेना' कॉमन है!!

भारत एक राष्ट्र है तो राज ठाकरे का महाराष्ट्र है और ऊपर से वे नवनिर्माण में भी लगे हैं!!!

इसलिए कोई लाभ अगर भारतीय सेना को मिले तो सिर्फ लाभ हुआ लेकिन वही लाभ एमएनएस खाते में जाए तो शुभलाभ हो जाता है!!!!

इसलिए गृहमंत्री से अनुरोध है कि सदियों पहले बिहार से निकले ठाकरे परिवार के वंशज राज ठाकरे ने अपने पितरों की स्मृति को भी
त्यागने का जो महान काम किया है इसलिए उन्हें 'महाराष्ट्र रत्न' से नवाज़ा जाए।

यह बात भी साफ़ कर दी जाए कि यह सम्मान भारतरत्न से बड़ा होगा क्योंकि भारतरत्न तो सिर्फ़ 'राष्ट्र' की ओर से सम्मान है जबकि महाराष्ट्र रत्न एक ऐसा सम्मान है जिसे 'महा'-राष्ट्र की ओर से दिया जाएगा।

आपको याद होगा कि 1990 के दशक में जब बाकी नेता रैली करते थे तो गरीबों के मसीहा लालू प्रसाद रैला या महारैली करते थे।

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24.10.16

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