सुना मोदी जी इस New Year के कुछ घण्टे पहले देश को संबोधित करेंगे।
माने कि 2016 में नोटबंदी लाकर खर्चे की नसबंदी कर दी, अब 2017 के पहले मिलन-पल भी बर्बाद करके छोड़ेंगे!
ये मैं नहीं कह रहा, देश के दिल दिल्ली के सेकुलर पत्रकार कह रहे हैं।
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एक कहावत है कि 'धंधे में ईमानदार दोस्त से बड़ा कोई दुश्मन नहीं'। मैं तो कहूँ कि राजनीति में भी ईमानदार नेता से बड़ा देश का भी कोई दुश्मन नहीं।
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तभी तो खुद को भारतरत्न से नवाज़ने वाले हमारे पहले परिधानमंत्री चाचा नेहरू (उनके कपड़े फ्राँस में सिलते और इटली में धुलते थे!) ने संविधान लागू होने के कुछ ही सालों में जीप-घोटाला हो जाने दिया! व्यक्ति की हो चाहे देश की, ऊपर की कमाई "दूज के चाँद की तरह होती है जो रोज-रोज बढ़ती है"।
30।12।16
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