Thursday, September 17, 2015

संविधान चाँद तो समाजवाद-सेकुलरिज़म उसके धब्बे


#भारत का #संविधान #दूज_के_चाँद सा है।
हर दिन चमक बढ़ती जाती है, यश बढ़ता जाता है।
लेकिन अब इसके धब्बे अखरने लगे हैं।

पहला धब्बा है #समाजवाद और दूसरा धब्बा है #सेकुलरिज़म।

समाजवाद ने समृद्ध #बंगाल को #कंगाल बना दिया ।
सेकुलरिज़म ने #दिल्ली के #दंगों को सेकुलर और #गुजरात_दंगों को #कम्युनल बना दिया।

दिल्ली दंगे सेकुलर क्योंकि इसमें #सिख ज्यादा मारे गए थे  और गुजरात दंगे कम्युनल क्योंकि इसमें #मुसलमान ज्यादा मारे गए थे।
ये धब्बे कब हटाये जाएँगे?

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