बाबरी मस्जिद ध्वंस का विरोध अगर सही है...
बाबरी मस्जिद ध्वंस का विरोध अगर सही है तो बलात्कार-हत्या-नरसंहार और किसी भी अत्याचार का विरोध कभी सही नहीं हो सकता।
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आखिर क्या कारण है कि
●बाबरी मस्जिद ध्वंस के विरोधी लाखों कश्मीरी हिंदुओं के जातिनाश-सैकड़ों के नरसंहार के समर्थक हैं?
●सेना पर आतंकवादियों के हमले पर जश्न मनाते हैं?
●और आजकल उनके प्रिय नारे है:
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आखिर क्या कारण है कि
●बाबरी मस्जिद ध्वंस के विरोधी लाखों कश्मीरी हिंदुओं के जातिनाश-सैकड़ों के नरसंहार के समर्थक हैं?
●सेना पर आतंकवादियों के हमले पर जश्न मनाते हैं?
●और आजकल उनके प्रिय नारे है:
"भारत तेरे टुकड़े होंगे
इंशाल्लाह इंशाल्लाह।
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अफ़ज़ल हम शर्मिंदा हैं
तेरे क़ातिल ज़िंदा हैं।
(अफ़ज़ल गुरु को फाँसी हुई थी।)" ?
■
और, इन विरोधियों का सबसे बड़ा अड्डा है जेएनयू। एक नज़र इस विश्वविद्यालय के सेक्युलर पोस्टरों पर।
इंशाल्लाह इंशाल्लाह।
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अफ़ज़ल हम शर्मिंदा हैं
तेरे क़ातिल ज़िंदा हैं।
(अफ़ज़ल गुरु को फाँसी हुई थी।)" ?
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और, इन विरोधियों का सबसे बड़ा अड्डा है जेएनयू। एक नज़र इस विश्वविद्यालय के सेक्युलर पोस्टरों पर।
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