Monday, March 30, 2015

जितनी हो सके हम भारतीय भाषाएँ सीखें: मोदी


सोमवार (30.3.15)की शाम राष्ट्रकवि दिनकर समारोह के सिलसिले में साहित्यकारों , शिक्षाविदों और पत्रकारों के एक दल के साथ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को उनके आवास पर करीब से सुनने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि वे बचपन से उनको पढ़ते-सुनते आए हैं और हमें जितनी हो सके भारतीय भाषाएँ जाननी चाहिए क्योंकि हमारी भाषाओं में कितने ही ऐसे रत्न हैं और सब के सब हमारे अपने हैं गो कि इनमें कोई विरोध नहीं है ।

यह बात भी सामने आई कि विश्व के 100 लोकप्रिय काव्य ग्रंथों में 'कुरुक्षेत्र' शुमार है तथा संसद में थिरुवल्लुवर और दिनकर सर्वाधिक उद्धृत किए जाते हैं। वरिष्ठ पत्रकार आलोक मेहता ने भारतीय ग्रामीण पुस्तकालय योजना को दिनकर और अन्य भाषाओं के नामचीन साहित्यकारों के साथ जोड़ने का सुझाव दिया।

प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सांसद डा. सी पी ठाकुर ने किया। प्रतिनिधिमंडल में डा. बिन्देश्वर पाठक, पद्मा सचदेव, रामदरश मिश्र, हिमांशु जोशी एवं सरोजिनी प्रीतम सरीखी हस्तियाँ थीं।इन्द्रप्रस्थ वि. वि. से अपनी सहकर्मी प्रो. सरोज शर्मा को देखकर खुशी हुई ।

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