नोटबंदी समर्थकों के नाम चिट्ठी
नोटबंदी समर्थकों के नाम चिट्ठी
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देशवासियो,
युगपुरुष केजरीवाल जी कह रहे हैं-- नोटबंदी वापस नहीं हुई तो दंगा-फसाद हो जाएगा;
अखिल भारतीय सेकुलर दीदी ममता बनर्जी ने भी युगपुरुष को अपना आशीर्वाद दे दिया है; और तो और, अब उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ठाकुर साहेब तक ने दंगे की आशंका जता दी है। फिर इंतज़ार किस बात का? ...
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क्या वे खुल्लमखुल्ला कह दें कि दिल्ली और भागलपुर दंगों की तरह नोटबंदी-विरोधी दंगा भी सेकुलर होगा तभी आप समझेंगे कि आपको क्या करना है? संदेह हो तो गोधरा नरसंहार और भोपाल गैस काण्ड को ही याद कर लीजिये जिसके सारे पीड़ित अपनी मौत के लिये खुद जिम्मेदार थे।
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कुछ करिये, बाद में मत कहियेगा कि आपको विपक्ष ने आगाह नहीं किया। महाभारत और कलिंग युद्धों के बाद से आप हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं, हिंसा के 'ह' से आपकी गीली-पीली होने लगती है और आप 'स्टैंडबाई मोड' में आ जाते हैं।
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शांतिदूतों द्वारा हज़ार साला नरसंहार-बलात्कार का जवाब आपने गंगा-जमुनी तहज़ीब से दिया और अंग्रेज़ों द्वारा भीषण अत्याचार-अभूतपूर्व विनाश को आधुनिकता से नवाज़ा और उसका जवाब सत्य-अहिंसा-असहयोग आन्दोलन से दिया। आज जब आपकी गाढ़ी कमाई को मोदी नामक तुग़लक़ कूड़े के ढ़ेर में बदल रहा है तो आप उसे कालेधन के खिलाफ धर्मयुद्ध मानकर उसका समर्थन कर रहे हैं।
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इस प्रचण्ड मूर्खता से मुक्ति पाइये, सड़क पर उतरिये और 'डायरेक्ट एक्शन' करिये... याद रखिये कि जिन्ना साहेब को भी उनका पवित्र-स्थान तब मिला था जब उन्होंने बंगाल में सीधी कार्रवाई की थी।
आज फिर से देश का सुनहरा भविष्य बंगाल के हाथों में है। संयोग से बंगाल को दिल्ली का भी साथ है फिर भी एक पत्ता तक नहीं हिल रहा।
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क्या आप अपने ही नोटों के लिए बैंक के सामने घंटों लाइन में खड़े होकर भूखे-प्यासे मरने के लिये पैदा हुए हैं?
अब कहने-सुनने को कुछ नहीं बचा।
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देशवासियो,
युगपुरुष केजरीवाल जी कह रहे हैं-- नोटबंदी वापस नहीं हुई तो दंगा-फसाद हो जाएगा;
अखिल भारतीय सेकुलर दीदी ममता बनर्जी ने भी युगपुरुष को अपना आशीर्वाद दे दिया है; और तो और, अब उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ठाकुर साहेब तक ने दंगे की आशंका जता दी है। फिर इंतज़ार किस बात का? ...
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क्या वे खुल्लमखुल्ला कह दें कि दिल्ली और भागलपुर दंगों की तरह नोटबंदी-विरोधी दंगा भी सेकुलर होगा तभी आप समझेंगे कि आपको क्या करना है? संदेह हो तो गोधरा नरसंहार और भोपाल गैस काण्ड को ही याद कर लीजिये जिसके सारे पीड़ित अपनी मौत के लिये खुद जिम्मेदार थे।
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कुछ करिये, बाद में मत कहियेगा कि आपको विपक्ष ने आगाह नहीं किया। महाभारत और कलिंग युद्धों के बाद से आप हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं, हिंसा के 'ह' से आपकी गीली-पीली होने लगती है और आप 'स्टैंडबाई मोड' में आ जाते हैं।
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शांतिदूतों द्वारा हज़ार साला नरसंहार-बलात्कार का जवाब आपने गंगा-जमुनी तहज़ीब से दिया और अंग्रेज़ों द्वारा भीषण अत्याचार-अभूतपूर्व विनाश को आधुनिकता से नवाज़ा और उसका जवाब सत्य-अहिंसा-असहयोग आन्दोलन से दिया। आज जब आपकी गाढ़ी कमाई को मोदी नामक तुग़लक़ कूड़े के ढ़ेर में बदल रहा है तो आप उसे कालेधन के खिलाफ धर्मयुद्ध मानकर उसका समर्थन कर रहे हैं।
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इस प्रचण्ड मूर्खता से मुक्ति पाइये, सड़क पर उतरिये और 'डायरेक्ट एक्शन' करिये... याद रखिये कि जिन्ना साहेब को भी उनका पवित्र-स्थान तब मिला था जब उन्होंने बंगाल में सीधी कार्रवाई की थी।
आज फिर से देश का सुनहरा भविष्य बंगाल के हाथों में है। संयोग से बंगाल को दिल्ली का भी साथ है फिर भी एक पत्ता तक नहीं हिल रहा।
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क्या आप अपने ही नोटों के लिए बैंक के सामने घंटों लाइन में खड़े होकर भूखे-प्यासे मरने के लिये पैदा हुए हैं?
अब कहने-सुनने को कुछ नहीं बचा।
आपकी कायरता और मूर्खता पर सर धुनता,
एक सेकुलर बुद्धिजीवी देशवासी।
19.11.16
एक सेकुलर बुद्धिजीवी देशवासी।
19.11.16
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