Thursday, December 8, 2016

बेवफ़ा ग़रीब मस्त-मस्त हैं

बेवफ़ा ग़रीब मस्त-मस्त हैं

माओवादी नोटबंदी से त्रस्त हैं
नक्सलवादी नोटबंदी से त्रस्त हैं
आतंकवादी नोटबंदी से त्रस्त हैं...
जिहादी-उम्मा नोटबंदी से त्रस्त हैं
पत्थरबाज़ नोटबंदी से त्रस्त हैं
ग़रीबों के मसीहा अस्त-पस्त हैं
सिर्फ बेवफ़ा ग़रीब मस्त-मस्त हैं।

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