हिन्दी बौद्धिक जगत और आचार्य रजनीश
हिन्दी बौद्धिक जगत और आचार्य रजनीश
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हिंदी बुद्धिविलासी-गिरोह के लोगों ने आचार्य रजनीश को भी जातिबदर किया था जबकि तर्क, ज्ञान, दर्शन, साहित्य, धर्म, मजहब और आलोचना की भाषा की दृष्टि से हिंदी के सभी साहित्यकारों को जोड़ भी दें तो वे अपनी मौलिकता और प्रभाव में रजनीश की बराबरी नहीं कर सकते।
23.11.16
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हिंदी बुद्धिविलासी-गिरोह के लोगों ने आचार्य रजनीश को भी जातिबदर किया था जबकि तर्क, ज्ञान, दर्शन, साहित्य, धर्म, मजहब और आलोचना की भाषा की दृष्टि से हिंदी के सभी साहित्यकारों को जोड़ भी दें तो वे अपनी मौलिकता और प्रभाव में रजनीश की बराबरी नहीं कर सकते।
23.11.16
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