Thursday, December 8, 2016

जो तबका दशकों से इस फर्जीवाड़े के सामने नतमस्तक रहा कि...

जो तबका दशकों से इस फर्जीवाड़े के सामने नतमस्तक रहा कि:
आर्य बाहर से आये हमलावर थे;
वनवासी और द्रविड़ मूल निवासी थे;
सरस्वती नदी एक मिथ है;
ब्राह्मणों ने जातिव्यवस्था के कारण कमज़ोर वर्गों पर हज़ारों सालों तक राज किया;...
नेहरू वंश का राज ही लोकतंत्र के लिये शुभ है;
दुनियाभर में जो कुछ अच्छा है वह पश्चिम से आया है;
इस्लाम शांति का मजहब है;
नेताजी की मौत ताइवान में एक विमान दुर्घटना में हो गई थी;
विकास का रास्ता समाजवाद-वामपंथ से ही होकर जाता है ; और
7 करोड़ का नरसंहार करनेवाले माओ-स्टालिन महानायक हैं और 50 लाख का नरसंहार करनेवाला हिटलर भीषण खलनायक----

वही बुद्धिविलासी सेकुलर-वामपंथी तबका आज भारत के नावजागृत युवा वर्ग को विकास, अस्मिता, राष्ट्रीयता, देशभक्ति और आत्मनिर्भरता का पाठ पढ़ा रहा है।

24.11.16

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