मोदी-विरोधियों का सेल्फगोल
मोदी-विरोधियों का सेल्फगोल
■
एक दौर में पढ़ेलिखे लोग या तो मार्क्सवादी होते थे या मार्क्सवाद-विरोधी। वैसे ही पूरा भारत आज मोदी-समर्थकों और मोदी-विरोधियों में बँट गया है। मोदी के समर्थकों को मोदी-विरोधी भक्त कहकर भी पुकारते है जबकि खुद अपने मोदी-विरोधी मुहिम में देश-विरोध से भी गुरेज़ नहीं करते और मोदी को हटाने के लिए पाकिस्तान से मदद की भीख तक माँगते हैं।
■
वैसे किसी पार्टी के समर्थकों को कार्यकर्ता,नेता, चमचा, दलाल, पिट्ठू आदि नामों से जाना जाता था, भक्त से नहीं क्योंकि भक्त ...एक बहुत ही सकारात्मक सम्बोधन है; भक्त बिना किसी स्वार्थ के भगवान से नेह लगाता है, तभी तो हनुमान, मीराबाई, कबीरदास, तुलसीदास, आंदाल आदि को भक्त कहते हैं।
■
इस लिहाज से मोदी के विरोधी मोदी-समर्थकों को 'भक्त' सम्बोधन से नवाज़कर मोदी और मोदी-समर्थकों के देशराग, ईमानदारी और समर्पण को सार्वजनिक रूप से स्वीकार कर चुके हैं। इसे कहते हैं सेल्फगोल।
21.11.16
■
एक दौर में पढ़ेलिखे लोग या तो मार्क्सवादी होते थे या मार्क्सवाद-विरोधी। वैसे ही पूरा भारत आज मोदी-समर्थकों और मोदी-विरोधियों में बँट गया है। मोदी के समर्थकों को मोदी-विरोधी भक्त कहकर भी पुकारते है जबकि खुद अपने मोदी-विरोधी मुहिम में देश-विरोध से भी गुरेज़ नहीं करते और मोदी को हटाने के लिए पाकिस्तान से मदद की भीख तक माँगते हैं।
■
वैसे किसी पार्टी के समर्थकों को कार्यकर्ता,नेता, चमचा, दलाल, पिट्ठू आदि नामों से जाना जाता था, भक्त से नहीं क्योंकि भक्त ...एक बहुत ही सकारात्मक सम्बोधन है; भक्त बिना किसी स्वार्थ के भगवान से नेह लगाता है, तभी तो हनुमान, मीराबाई, कबीरदास, तुलसीदास, आंदाल आदि को भक्त कहते हैं।
■
इस लिहाज से मोदी के विरोधी मोदी-समर्थकों को 'भक्त' सम्बोधन से नवाज़कर मोदी और मोदी-समर्थकों के देशराग, ईमानदारी और समर्पण को सार्वजनिक रूप से स्वीकार कर चुके हैं। इसे कहते हैं सेल्फगोल।
21.11.16
0 Comments:
Post a Comment
Subscribe to Post Comments [Atom]
<< Home