Tuesday, December 6, 2016

एक वैद्य की निगाह में पतंजलि की दवाएँ

एक वैद्य की निगाह में पतंजलि की दवाएँ

एक सम्मानित वैद्य ने कहा कि पतंजलि की दवाएँ बहुत अच्छी हैं लेकिन वे अपने मरीजों के लिए छोटी कंपनियों की उतनी ही अच्छी दवाएँ लिखते हैं ताकि आयुर्वेदिक दवा निर्माण का कुटीर उद्योग भी बचा रहे।
जिन वैद्य की मैं बात कर रहा हूँ उन्होंने ख़ुद अपने ही शहर की कंपनियों की दवा मंगाकर दी, फिर अन्य छोटी कंपनियों की जानकारी दी और यह बात जोर देकर कही कि बड़ी कंपनियों की दवा खरीदने की मजबूरी हो तो पतंजलि का कोई विकल्प नहीं है।
ऐसी मजबूरी आने पर मैंने 10 में से एक दवा पतंजलि की खरीदी। अभी इतना ही कह सकता हूँ कि पतंजलि की दवा ने मुझे 40 साल पहले घरेलू नुस्खे से बननेवाली एक चूर्ण के स्वाद की याद दिला दी। अब जब भी वह दवा खाता हूँ, कुछ पलों के लिये अपने गाँव और बचपन की यादों से गुजरकर फ्रेश हो जाता हूँ। दिल्ली की यांत्रिकता के शिकार लोग शायद इस दर्द के हमजोली बनें।

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