नोटबंदी के मायने
नोटबंदी के मायने
1. रातोंरात सामाजिक और आर्थिक समानता की परी का आसमान से ज़मीन पर उतरते हुए महसूस किया जाना;
2. मेहनत और इज़्ज़त की कानूनी कमाई का बाजार भाव बढ़ जाना;
3. देश को बाँटनेवाले मुद्दों और नेताओं की पूछ कम हो जाना और अखिल भारतीय चर्चा के केंद्र में देशहित का सर्वोपरी हो जाना;
4. मोदी का एक झटके से पार्टी और संघ की हदों को तोड़ जनजन के मन पर राज करनेवाले नेता के रूप में उभरना;
5. देशवासियों का अपने राष्ट्र की शक्ति पर पूरा विश्वास कायम होना जो नवजागरण की पहली शर्त है;
6. संसदीय प्रणाली की जगह राष्ट्रपति प्रणाली की जमीन तैयार होना;
7. देश को जोड़ने के लिये नोट से बड़ा कोई कारगर सेतु नहीं;और
8. सफेदपोशों की कलई खुलना।
1. रातोंरात सामाजिक और आर्थिक समानता की परी का आसमान से ज़मीन पर उतरते हुए महसूस किया जाना;
2. मेहनत और इज़्ज़त की कानूनी कमाई का बाजार भाव बढ़ जाना;
3. देश को बाँटनेवाले मुद्दों और नेताओं की पूछ कम हो जाना और अखिल भारतीय चर्चा के केंद्र में देशहित का सर्वोपरी हो जाना;
4. मोदी का एक झटके से पार्टी और संघ की हदों को तोड़ जनजन के मन पर राज करनेवाले नेता के रूप में उभरना;
5. देशवासियों का अपने राष्ट्र की शक्ति पर पूरा विश्वास कायम होना जो नवजागरण की पहली शर्त है;
6. संसदीय प्रणाली की जगह राष्ट्रपति प्रणाली की जमीन तैयार होना;
7. देश को जोड़ने के लिये नोट से बड़ा कोई कारगर सेतु नहीं;और
8. सफेदपोशों की कलई खुलना।
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