सीरियाई शरणार्थियों को अरब में शरण क्यों नहीं?
प्रश्न: सीरिया में शरणार्थी पैदा क्यों हो रहे हैं?
उत्तर: वहाँ बड़े भूभाग पर आतंकवादी संगठन आईएसआईएस का कब्जा है और वे इस्लामी तरीके से यानी मजहबी सरकार चला रहे है।जो लोग उनके तौर तरीकों से डरते हुए हैं और जिन्हें अपनी जान का डर है वे लोग देश छोड़ भाग रहे हैं ।
प्रश्न: क्यों, देश छोड़ भागनेवाले मुसलमान नहीं है?
उत्तर: है, लेकिन ज्यादातर शिया हैं और
आईएसआईएस वाले सुन्नी जो शियाओं की जान के दुश्मन हैं ।
प्रश्न: ये शरणार्थी फिर पड़ोसी अरब देशों में क्यों नहीं जाते?
उत्तर: सब शांति के मजहब इस्लाम के अनुसार चलने वाले सुन्नी है फिर शिया शरणार्थियों को शरण क्यों देंगे?
प्रश्न: तो फिर यूरोपीय देश भी क्यों शरण देंगे?
उत्तर: इसलिए कि वे आईएसआईएस को अरब देशों के साथ मिलकर चोर दरवाजे से मदद कर रहे हैं ताकि वे अपनी शिया विरोधियों से निपट सकें ।
प्रश्न: लेकिन शिया लोग तो अपेक्षतया उदार होते हैं फिर उनसे विद्वेष क्यों?
उत्तर: इसलिए कि शियाओं को ईरान मदद कर रहा है जो खुद एक शिया बहुल देश है जिससे अरब देश पारंपरिक रूप से चिढ़ते हैं।
प्रश्न: पर यह विश्वास करना मुश्किल है कि सभी शरणार्थी शिया होंगे ।
उत्तर: ठीक है लेकिन वे अरबी लोगों की तरह धनी तो नहीं है न? सुन्नी हैं तो क्या हुआ?
प्रश्न: कहीं ये तो नहीं कि पश्चिमी देशों ने जैसे ओसामा बिन लादेन, अलकायदा, तालिबान आदि को खड़ा किया ताकि वे रूस से लड़ सकें वैसे ही वउन्होंने ईराक और सीरिया की सरकारों को गिराने के लिए आईएसआईएस जैसे संगठन खड़े किए ।
प्रश्नः इसमें पश्चिमी देशों का क्या फायदा है?
उत्तर: कमजोर सरकारें कम दाम पर पेट्रोल देने को मजबूर होंगी और अरबी राज घरानों को लोकतांत्रिक आंदोलनों से निजात मिलेगी ।
प्रश्न: ईरान, ईराक़ , सीरिया में राजशाही नहीं है क्या?
उत्तर: नहीं ।
उत्तर: वहाँ बड़े भूभाग पर आतंकवादी संगठन आईएसआईएस का कब्जा है और वे इस्लामी तरीके से यानी मजहबी सरकार चला रहे है।जो लोग उनके तौर तरीकों से डरते हुए हैं और जिन्हें अपनी जान का डर है वे लोग देश छोड़ भाग रहे हैं ।
प्रश्न: क्यों, देश छोड़ भागनेवाले मुसलमान नहीं है?
उत्तर: है, लेकिन ज्यादातर शिया हैं और
आईएसआईएस वाले सुन्नी जो शियाओं की जान के दुश्मन हैं ।
प्रश्न: ये शरणार्थी फिर पड़ोसी अरब देशों में क्यों नहीं जाते?
उत्तर: सब शांति के मजहब इस्लाम के अनुसार चलने वाले सुन्नी है फिर शिया शरणार्थियों को शरण क्यों देंगे?
प्रश्न: तो फिर यूरोपीय देश भी क्यों शरण देंगे?
उत्तर: इसलिए कि वे आईएसआईएस को अरब देशों के साथ मिलकर चोर दरवाजे से मदद कर रहे हैं ताकि वे अपनी शिया विरोधियों से निपट सकें ।
प्रश्न: लेकिन शिया लोग तो अपेक्षतया उदार होते हैं फिर उनसे विद्वेष क्यों?
उत्तर: इसलिए कि शियाओं को ईरान मदद कर रहा है जो खुद एक शिया बहुल देश है जिससे अरब देश पारंपरिक रूप से चिढ़ते हैं।
प्रश्न: पर यह विश्वास करना मुश्किल है कि सभी शरणार्थी शिया होंगे ।
उत्तर: ठीक है लेकिन वे अरबी लोगों की तरह धनी तो नहीं है न? सुन्नी हैं तो क्या हुआ?
प्रश्न: कहीं ये तो नहीं कि पश्चिमी देशों ने जैसे ओसामा बिन लादेन, अलकायदा, तालिबान आदि को खड़ा किया ताकि वे रूस से लड़ सकें वैसे ही वउन्होंने ईराक और सीरिया की सरकारों को गिराने के लिए आईएसआईएस जैसे संगठन खड़े किए ।
प्रश्नः इसमें पश्चिमी देशों का क्या फायदा है?
उत्तर: कमजोर सरकारें कम दाम पर पेट्रोल देने को मजबूर होंगी और अरबी राज घरानों को लोकतांत्रिक आंदोलनों से निजात मिलेगी ।
प्रश्न: ईरान, ईराक़ , सीरिया में राजशाही नहीं है क्या?
उत्तर: नहीं ।
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