बिहार चुनाव IV: अब किसका नंबर आयेगा?
1857 के गदर के दौरान एक ग़ाज़ी साहब ने हिस्सार के पास घोषणा कर दी कि पहले गाय कटेगी और जीत का जश्न मनेगा तब दिल्ली कूच करेंगे।इस पर आसपास के हिन्दुओं में रोष फैल गया तो ग़ाज़ी साहब ने कहा कि अंग्रेज़ों को काटो तो सबाब और काफ़िरों(हिन्दुओं) को काटो तो सबाब, और अड़ गए।
वैसे ही बिहार के सेकुलर भुजंग-चंदन-ख़ान 15 सालों तक दूसरे दर्जे के नागरिकों जैसा जीवन जीने को मजबूर औसत सवर्णो को जबतक बलात्कार-अपहरण-फिरौती-हत्या का एक बार और मज़ा नहीं चखायेंगे तबतक उन्हें सबाब नहीं होगा।
वैसे तीसरे दौर में किसका नंबर आएगा ?
सेकुलर खान लोग ही बताएँ क्योंकि पिछले 70 सालों से सुरक्षा और अलहदा अस्मिता (समान नागरिक संहिता का विरोध) के नाम पर 'सेकुलर पार्टियों को वोट रूपी जजिया टैक्स' देने का उनका अच्छा-खासा अनुभव है।पहले यही जजिया हिन्दू देते थे अपने मुसलमान शासकों को।
वैसे ही बिहार के सेकुलर भुजंग-चंदन-ख़ान 15 सालों तक दूसरे दर्जे के नागरिकों जैसा जीवन जीने को मजबूर औसत सवर्णो को जबतक बलात्कार-अपहरण-फिरौती-हत्या का एक बार और मज़ा नहीं चखायेंगे तबतक उन्हें सबाब नहीं होगा।
वैसे तीसरे दौर में किसका नंबर आएगा ?
सेकुलर खान लोग ही बताएँ क्योंकि पिछले 70 सालों से सुरक्षा और अलहदा अस्मिता (समान नागरिक संहिता का विरोध) के नाम पर 'सेकुलर पार्टियों को वोट रूपी जजिया टैक्स' देने का उनका अच्छा-खासा अनुभव है।पहले यही जजिया हिन्दू देते थे अपने मुसलमान शासकों को।
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