पंडित नेहरू के हिन्दू होने न होने पर बहस
आजकल सोशल मीडिया में पंडित जवाहरलाल नेहरू के हिन्दू होने न होने पर बहस छिड़ी है।
और उनके परिवार का गोत्र पूछा जा रहा है ताकि अपने परिवार के बारे में नेहरू के दावों की जाँच हो सके।
पर सवाल यह नहीं है कि नेहरू परिवार फर्जी हिन्दू है या असली, सवाल यह है कि इस पर बहस करने में 70 साल क्यों लग गए?
सवाल यह भी है कि अपने सच्चे सपूतों/सपूतियों के प्रति हम इतने उदासीन क्यों हैं?
ऐसा कैसे हो गया कि नेताजी जैसे व्यक्तित्व के कद को बौने नेहरू छोटा करते रहे और हम उनको चाचा कहते रहे?
दोष नेहरू के फर्जीवारे का उतना नहीं है जितना गुलाम भारतीय मन का जो आज भी अपनी भीरुता और दब्बूपने को गहना बनाकर पेश करता है।
सबलोग मिलकर पहले इस मानसिक गुलामी का डायग्नोसिस करिये फिर देखिए इसकी दवा कितनी जल्दी सामने आती है और कारगर होती है।
और उनके परिवार का गोत्र पूछा जा रहा है ताकि अपने परिवार के बारे में नेहरू के दावों की जाँच हो सके।
पर सवाल यह नहीं है कि नेहरू परिवार फर्जी हिन्दू है या असली, सवाल यह है कि इस पर बहस करने में 70 साल क्यों लग गए?
सवाल यह भी है कि अपने सच्चे सपूतों/सपूतियों के प्रति हम इतने उदासीन क्यों हैं?
ऐसा कैसे हो गया कि नेताजी जैसे व्यक्तित्व के कद को बौने नेहरू छोटा करते रहे और हम उनको चाचा कहते रहे?
दोष नेहरू के फर्जीवारे का उतना नहीं है जितना गुलाम भारतीय मन का जो आज भी अपनी भीरुता और दब्बूपने को गहना बनाकर पेश करता है।
सबलोग मिलकर पहले इस मानसिक गुलामी का डायग्नोसिस करिये फिर देखिए इसकी दवा कितनी जल्दी सामने आती है और कारगर होती है।
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