Tuesday, June 21, 2016

आज भारत विमर्शरत है ,मोदी उसके प्रतीक हैं...

राष्ट्रीयता के भाव को तार-तार करने की तरफ सबसे घातक कदम था जीवित नेताजी को मृत घोषित करना। इसके बाद गाँधी जी की हत्या (जिसमें नेहरू जी की भूमिका को नहीं नकारा जा सकता क्योंकि गोडसे ने तीन ही गोली मारी थी तो चौथी किसने चलाई?) , अंबेडकर के विरोध के बावजूद धारा 370 घुसेड़ना और समान नागरिक संहिता पर समझौता।
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यह सब नेहरू नटवरलाल और उनकी पारिवारिक संस्था काँग्रेस ने किया। मसला ब्राह्मण और दगाबाजी नहीं बल्कि अंग्रेज-पोषित और मानसिक गुलामी के शिकार नेतृत्व का है।
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आज स्थिति बेहतर है क्योंकि भारत विमर्शरत है --खुद से और दुनियाभर से।मोदी उसके प्रतीक हैं, कारक नहीं।कारक हैं मोबाइल और इंटरनेट।

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