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The US Senate stood ModiFied today!
आज अमेरिका भी भक्त हो गया!
नीतीश आज के बख्तियार खिलजी हैं ...
तब वे जेल के अंदर से बिहार चलाते थे और अब बाहर से
राबड़ी देवी और नीतीश कुमार में क्या समानता है?
बलात्कार-हत्या पर चुप्पी की बेमिसाल एकता
जेएनयू के वामपंथ का शोशा दीपक बुझने से पहले की लौ ...
हे जेएनयू के अति संवेदनशील सेकुलर मित्रो!
Kanhaiya at the Chara- Chor Lalu's Feet, a Disgrac...
लोकतंत्र मछली तो काँग्रेस साँप
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Tuesday, June 21, 2016
प्रोफेसर से बड़ा मानसिक गुलाम कोई नहीं
प्रोफेसर से बड़ा मानसिक गुलाम कोई नहीं।
भारत का असल नवजागरण चौक-चौराहों और चौपालों से शुरू हो चुका है।
विश्वविद्यालय तो सिर्फ फैक्टरी हैं मानसिक गुलामी के।
संदर्भः भारत का कोई भी विश्वविद्यालय।
posted by U&Me |
6:23 AM
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