Wednesday, December 21, 2016

ये काफ़िर कार्रवाई करते हैं और निंदा भी, बहुत नाइंसाफ़ी है!

● पाकिस्तान की इज़्ज़त का सवाल है। उसके फौजी जूते-चप्पल-सलवार-समीज-मक्खन-अंडर गारमेंट्स बनाने और चुनी हुई सरकारों के तख़्तापलट करने के चक्कर में सीमा पर मरना-मारना भूल से गए हैं। दशकों से यह काम उन्होंने जेहादियों को आउटसोर्स किया हुआ था। पर सर्जिकल स्ट्राइक के बाद उनमें भगदड़ मच गई।

● कहाँ तो जेहादियों को बताया गया था कि एक-एक जेहादी 20-20 हिन्दुस्तानी काफ़िरों पर भारी है और कहाँ ये सर्जिकल स्ट्राइक पे स्ट्राइक, दर्ज़नों के भाव बेचारे निपटाये जा रहे और ऊपर से पाकिस्तान लाज के मारे यह कहने को मजबूर कि कोई सर्जिकल स्ट्राइक नहीं हुआ जी।

● बात यहीं रुक जाती तो भी ठीक था। जवाबी कार्रवाई के नाम पर भी जेहादियों को 72-हूरों वाली ज़न्नत का वन वे टिकट दिया जा रहा है। कभी 10 तो कभी 50, ये भी कोई बात हुई। उधर आईएस पर भी हमले तेज हो गए हैं। उन्हें भी पाकिस्तान आने का न्यौता दे रखा है। अब वे भी क्या सोचेंगे उधर इस्राइल से बचो और इधर इस्राइल के काफ़िर दोस्त हिन्दुस्तान से।

● कितना अच्छा होता कि एनडीटीवी जैसे चैनल और केजरीवाल जैसे नेता जो कह रहे हैं वही सही होता।जेहादी लोग कार्रवाई करते और हिंदुस्तानी काफ़िर सिर्फ कड़ी निंदा।यहाँ तो उल्टी गंगा बह रही है। ये काफ़िर कार्रवाई करते हैं और निंदा भी। बहुत नाइंसाफ़ी है।

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