Wednesday, December 21, 2016

हिंसा-पीड़ित लोगों का मजहब और मीडिया कवरेज

भारत में  हत्या, नरसंहार और दंगों को इस आधार पर मीडिया में महत्त्व दिया जाता रहा है कि मरने-मारनेवालों के मजहब, धर्म और विचारधारा क्या हैं।
ऐसा नहीं होता तो गोधरा नरसंहार सेकुलर, गुजरात दंगे कम्युनल, भागलपुर- दिल्ली दंगे सेकुलर और भोपाल जेल के सुरक्षागार्ड की हत्या कर भागनेवाले सिमी-आतंकवादियों का एनकाउंटर कम्युनल नहीं होते।
1.11.16

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