Tuesday, October 6, 2015

संत कबीरदास मरे या मारे गए थे?

संत कबीरदास मरे या मारे गए थे?
संता: यार कबीर कौन थे?
बंता: बहुत ही पहुँचे हुए निर्गुनिया संत।गुरुग्रंथ साहेब में भी उनकी वाणी संकलित है।
संता: मेरा मतलब हिन्दू थे या मुसलमान?
बंता: कहते हैं पैदा हुए थे किसी हिन्दू के घर लेकिन पले-बढ़े एक मुसलमान जुलाहा परिवार में । इस तरह सामाजिक लिहाज से मुसलमान हुए।उनके हिन्दू माता-पिता के बारे में कुछ खास नहीं पता।
संता: तब तो मुसलमानों में उनकी धाक होगी?
बंताः उनको पढ़ुआ मुसलमान वैसे ही घास नहीं डालता जैसे मुस्लिम फकीर साँईं बाबा को।
संताः क्यों?
बंताः कबीर हिन्दू-मुसलमान दोनों के कर्मकांड पर हमले करते थे ।
संताः जैसे?
बंताः
काँकर-पाथर चुनिकै मस्जिद लई बनाई।
ता चढ़ी मुल्ला बांग दई क्या बहिरा हुआ खुदाई ।।
*
पाहन पूजे हरि मिलै तो मैं पुजूँ पहाड़।
ताके वो चक्की भली जे पीस खाये संसार ।।

संताः तब तो कठमुल्ले उनकी जान के पीछे पड़े होंगे?
बंताः उनकी शिकायत पर सिकंदर लोदी ने कबीर को अनेक बार मरवाने की साज़िश की।
संताः फिर?
बंताः कहा जाता है वे 100 साल से ज्यादा की उम्र में मरे और हिन्दू-मुसलमानों में उनके अंतिम-संस्कार को लेकर विवाद हो गया।फिर सब जब उनके शव के पास गए तो वहाँ सिर्फ दो फूल मिले जिसे हिन्दू-मुसलमानों ने एक-एक बाँट लिया क्योंकि दोनों ही समुदायों की जनता में उनका बराबर सम्मान था।
संताः प्राजी, ये तो बता दे मरे कैसे? सामान्य मौत या हत्या हुई?
बंता: यह तो विवादित है ।
संताः तो तू इब मेरी बात सुन ले।उनकी तो हुई होगी हत्या कठमुल्लों की शिकायत पर लेकिन कबीरपंथियों के आक्रोश के मद्देनजर फूल-वाली कहानी गढ़ दी गई।
बंता: तुस्सी ग्रेट हो जी! मान गए तेरा लोहा।वैसे कबीरपंथी कुल कितने होंगे भारत में?
संताः यार,  अभी बताता हूँ ।जरा धीरज रख।
बंताः किससे पूछेगा?
संताः ओए ब्रो, कबीर मठ के संत जी का कहना है कि आज लगभग 25 करोड़ कबीरपंथी हैं पूरे देश में।
बंताः यानी पूरी आबादी का 20 प्रतिशत?
संता: बरोबर।
बंताः अगर आबादी का यही प्रतिशत उस समय भी कबीरपंथी रहा हो तो संत कबीरदास की मौत सामान्य नहीं हुई होगी ।तेरी बात में दम है संता।
संताः चल गुरुद्वारे, आज कबीरबानी सुनेंगे भी और गाएँगे भी ।

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