सोशल मीडिया , हिन्दू मन और इस्लामी कट्टरता
इंटरनेट की जमीन पर खड़े सोशल मीडिया के मंच यथा फेसबुक और ब्लाॅग का स्वभाव लोकतांत्रिक है और इस कारण वे हिन्दू मन को अभिव्यक्त करने में सक्षम हैं।
हिन्दू मन का मतलब विविधता, सर्वपंथ समभाव और समावेशिता है जो भारतीय मन भी है।
इसमें किसी को संदेह हो तो उसे पाकिस्तान, बाँग्लादेश और भारत के ही मुस्लिम बहुल कश्मीर में हिन्दुओं के हाल पर गौर कर लेना चाहिए।
मतलब यह कि हिन्दुओं ने सबको अपने साथ रखा लेकिन जहाँ भी वे अल्पसंख्यक हुए कि वहाँ गैर-हिन्दू बहुमत यानी मुसलमानों ने अपनी आसमानी किताब के अनुसार उनका जीवन नारकीय बना दिया।
दूसरी बात, उनकी आस्था और अस्तित्व को उन्हीं से खतरा पैदा हुआ जो कल तक हिन्दू थे। तो सवाल उठता है कि समस्या मुसलमान हैं, जिनके पूर्वज कल तक हिन्दू थे, या वह मजहब जिसने उन्हें ऐसा बना दिया कि वे गैरमुसलमानों के साथ शांति से रह ही नहीं सकते।
हिन्दू मन का मतलब विविधता, सर्वपंथ समभाव और समावेशिता है जो भारतीय मन भी है।
इसमें किसी को संदेह हो तो उसे पाकिस्तान, बाँग्लादेश और भारत के ही मुस्लिम बहुल कश्मीर में हिन्दुओं के हाल पर गौर कर लेना चाहिए।
मतलब यह कि हिन्दुओं ने सबको अपने साथ रखा लेकिन जहाँ भी वे अल्पसंख्यक हुए कि वहाँ गैर-हिन्दू बहुमत यानी मुसलमानों ने अपनी आसमानी किताब के अनुसार उनका जीवन नारकीय बना दिया।
दूसरी बात, उनकी आस्था और अस्तित्व को उन्हीं से खतरा पैदा हुआ जो कल तक हिन्दू थे। तो सवाल उठता है कि समस्या मुसलमान हैं, जिनके पूर्वज कल तक हिन्दू थे, या वह मजहब जिसने उन्हें ऐसा बना दिया कि वे गैरमुसलमानों के साथ शांति से रह ही नहीं सकते।
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