Monday, December 14, 2015

कुर्सी प्रेमियों के आगे बेबस गाँधी

संताः देशप्रेमी गाँधी जी कुर्सी प्रेमी काँग्रेसियों के सामने क्यों बेबस हो गए?
बंताः वे ऐसा न करते तो अंग्रेज़ों से मिलकर कुर्सी-प्रेमी जवाहरलाल इस देश के और दो-चार टुकड़े कर डालते।
संताः विश्वास नहीं होता।
बंताः सो तो है।लेकिन नेहरू ने कश्मीर और तिब्बत दोनों पर पटेल की बात नहीं मानी और पूरा देश आजतक भुगत रहा है।
संताः यानी जैसे काँग्रेस नेता अय्यर और खुर्शीद ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ पाकिस्तान से 'मदद' माँग ली वैसे ही सब तब भी थे?
बंताः आज जितने नहीं कि नेहरू परिवार को नेशनल हेराल्ड घोटाले में अदालती फैसले से बचाने के लिए पूरी संसद को ही ठप कर दें।

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