हिंसा परमो धर्मः
हिन्दू अब कट्टर होते जा रहे हैं
क्योंकि
शांतिप्रिय मुसलमानों द्वारा बलात्कार, नरसंहार और बर्बरता को राजनीति सेकुलर करार देती है...
हिन्दू अब कट्टर होते जा रहे हैं
क्योंकि
दया के सागर ईसाई मिशनरियों के छलप्रपंच और हिन्दू देवी-देवताओं के अपमान को राजनीति सेकुलर करार देती है...
हिन्दू अब कट्टर होते जा रहे हैं
क्योंकि
पेशेवर देशतोड़क और हिन्दू-विरोधी वामपंथियों को राजनीति सेकुलर करार देती है...
हिन्दू अब कट्टर होते जा रहे हैं
क्योंकि
अपने ही देश हिन्दुस्तान में वे खुद को दोयम
दर्जे का नागरिक महसूस करने लगे हैं...
हिन्दू अब कट्टर होते जा रहे हैं
क्योंकि
उनके अपमान, नरसंहार और बलात्कार के लिए उन्हीं को दोषी बताया जा रहा है...
हिन्दू अब कट्टर होते जा रहे हैं
क्योंकि
कट्टरपंथियों से निबटने के लिए कट्टर होने के सिवा कोई चारा नहीं बचा है ...
हिन्दू अब निस्संदेह कट्टर होते जा रहे है
क्योंकि
यह कट्टरता उनका आपद् धर्म बन गई है...
हिन्दू अब हिंसक हो रहे हैं
क्योंकि
हिंसा और प्रपंच को ही 'धर्म' समझनेवालों को नेस्तनाबूद करना आज उनका परम धर्म हो गया है ...
हिन्दू अब निस्संदेह हिंसक हो रहे हैं
क्योंकि
उनके नवजागरण का मंत्र है:
हिंसा परमो धर्मः।
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