हजार सालों की गुलामी के ठोस कारण हमारे लिए कौन पता करेगा ?
यह सही है कि भारत में समृद्धि न सिर्फ पहले से ही थी बल्कि ज्यादा थी जो 10 वीं सदी से शुरू इस्लामी हमलों के बाद कम होते-होते भी 1750 में लगभग दुनिया की आय का एक चौथाई थी।
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जो चीज अकबर के खाते है वह है एक बड़े भूभाग में स्थायित्व जिसकी जगह शेरशाह की मृत्यु के बाद काफी हद तक अराजकता ने ले रखी थी।आप सब जानते हैं कि बिना स्थायित्व के उत्पादन और व्यापार कठिन है।
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जब भी हम अपने अतीत के गौरव की याद करते हैं तो यह नहीं भूलना चाहिए कि आर्थिक और वैचारिक समृद्धि के बावजूद हम लगभग हजार सालों तक रौंदे गए।आज स्थिति यह है कि दुनिया में सबसे ज्यादा और खतरनाक किस्म के मानसिक गुलाम भारत में हैं जिन्हें सेकुलर-लिबरल-वामपंथी भी कहा जाता है।
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प्रश्न यह है कि राजनीतिक और वैचारिक गुलामी के ठोस कारण हमारे लिए कौन पता करेगा? जिसने गुलाम बनाया वह या हमलोग खुद?
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मुझे इसको लेकर आज कोई गंभीर कोशिश नहीं नजर आती । आपको पता हो तो बताइए, आभारी रहूँगा।
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