Monday, July 11, 2016

ज़ाकिर नायक पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाना चाहिये...

ज़ाकिर नायक पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाना चाहिये...

क्योंकि जो काम:
कायरबुद्धि उदार हिन्दू 1000 सालों में नहीं कर पाये,
वोटबाज़ सेकुलर नेता 70 सालों में नहीं कर पाये,
मजहब और धर्म को एक माननेवाले नकलची बुद्धिविलासी दो सौ सालों में नहीं कर पाये,
करोड़ों की हत्या, बलात्कार, जबरिया मतान्तरण और सेक्सगुलाम के रूप में बाज़ार में बेंचकर क्रूर इस्लामी हमलावर नहीं कर पाये,
मजहब के आधार पर देश का बंटवारा करनेवाले नहीं कर पाये,
आज़ादी के पहले और बाद के अनगिनत दंगे नहीं कर पाये,
पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदुओं की विलुप्त होती आबादी (पाकिस्तान: 22 से 2 %, बांग्लादेश: 33 से 8 %) नहीं कर पायी
वो या उससे भी ज़्यादा कारगर काम डॉ ज़ाकिर नायक और उनका चैनल कर रहे हैं।
सो कैसे?
*
वे हिंदुओं को बता रहे हैं कि:
मजहब, दीन और धर्म में बहुत अंतर है,
ईश्वर,अल्लाह और गॉड एक नहीं है,
साम्यवाद की तरह इस्लाम एक राजनैतिक विचारधारा है जिसका उद्देश्य चाहे जैसे हो सत्ता हथियाना है,
इस्लाम के लिये हर हिन्दू काफ़िर है जिसे या तो मुसलमान बनना होगा या दूसरे दर्ज़े का इंसान या फिर मरने के लिए तैयार रहना होगा,
लोकतंत्र तो मुसलमानों के लिए एक अस्थायी रणनीतिक व्यवस्था है जबतक मुसलमान इतने मज़बूत नहीं हो जाते कि उसे उखाड़कर भारत को दारुल इस्लाम बना लें;काफ़िरों को मोसल्लम ईमान वाला बना दें,
यह लड़ाई अगर मुसलमानों की आस्था की है तो हिंदुओं और पूरी दुनिया के अस्तित्व की भी है,
या तो आस्था बचेगी या यह दुनिया,
हिन्दू यह तय करें कि वे ज़िंदा रहना चाहते हैं या
सबकी आस्था को बराबर दर्ज़ा देते हुए एक बर्बर आस्था का शिकार होना...
*
डॉ ज़ाकिर नायक या उन जैसे लोगों ने हिंदुओं को सजग करने में जो भूमिका निभायी है वह क़ाबिले तारीफ़ है। उनसे प्रेरणा लेकर हिन्दू सच को स्वीकारना और बोलना सिखेंगे।कोई हिन्दू डॉ ज़ाकिर की तर्ज़ पर सनातन धर्म-दर्शन की बात करने वाले टीवी चैनल चलाने के लिये प्रेरित होगा और सभी मजहबों के तुलनात्मक रूप को पेश करेगा।लेकिन यह सब ठीक से तभी होगा जब डॉ ज़ाकिर नायक का Peace TV चलता रहेगा।
*
डॉ ज़ाकिर नायक और उनका चैनल एक तूफ़ान के ख़तरे से आगाह करनेवाले उपकरण की तरह हैं जिससे हमें तूफ़ान का सामना करने में मदद मिलेगी।उन पर पाबंदी लगाने का मतलब है शतुरमुर्ग की तरह तूफ़ान को देख बालू में सर छिपा लेना।

0 Comments:

Post a Comment

Subscribe to Post Comments [Atom]

<< Home