Thursday, August 25, 2016

सिंधु के कोच के खिलाफ जन्तर-मन्तर पर प्रदर्शन?

सिंधु के कोच के खिलाफ जन्तर-मन्तर पर प्रदर्शन?

संता: सेकुलर गिरोह ने पी गोपीचंद के खिलाफ जन्तर-मन्तर पर धरना का ऐलान किया है।
बंता: पर क्यों?
संता: क्योंकि वे पुरुष होकर भी पी वी सिंधु के कोच क्यों हैं?
बंता: ये सिंधु  कौन है?
संता: ओलिंपिक में रजत जीतनेवाली पहली महिला खिलाड़ी।
बंता: सिंधु को गोपीचंद से क्या प्रॉब्लम है?
संता: वो बेचारी क्या बोलेगी। खुद गोपीचंद ने पुरुष अहँकार में बयान दिया है कि उन्होंने तीन महीनों तक उसे मोबाइल से दूर रखा और दो हफ़्ते तक आइसक्रीम -मीठा दही नहीं खाने दिया।
बंता: लेकिन इससे सिंधुू को क्या नुकसान हो गया?
संता: इस पुरुष कोच ने बेचारी महिला खिलाड़ी की आज़ादी का दमन किया। ऐसा नहीं होता तो संभव है कि वह स्वर्णपदक जीत लाती।
बंता: लेकिन ऐसी बंदिशें तो कोई महिला कोच भी लगाती ताकि खिलाड़ी का प्रदर्शन बेहतर हो।
संता: तो सेकुलर गिरोह उसका भी विरोध करता।
बंता: लेकिन क्यों?
संता: क्योंकि उन्हें पुरुष-जात से ही चिढ़ है।
बंता: फ़िर एक महिला की शादी सिर्फ़ महिला से होगी? सिर्फ़ महिला ही माँ-बाप-भाई-बहन-गुरु-डॉक्टर- सैनिक सबकुछ  बनेगी?
संता: प्राजी, ऐसे कैसे होगा? अगली पीढ़ी तो जन्म ही नहीं लेगी।
बंता: महिला के जीवन से पुरुष को और पुरुष के जीवन से महिला को निकाल देने पर और क्या होगा?
संता: फ़िर ये सेकुलर गिरोह के लोग ऐसी हरकतें करते ही क्यों हैं?
बंता: कोई केमिकल लोचा लगता है।
संता: हमने बेफालतू अपना टैम ख़राब किया।

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