Wednesday, August 3, 2016

बलात्कार पर FIR पीड़िता की पहली जीत है

बलात्कार पर FIR यानी उत्तर-पुत्तर प्रदेश अब उत्तम प्रदेश होने की राह पर...

उत्तर प्रदेश में बलात्कारी बुलंद हैं क्योंकि
अब हर शहर बुलंदशहर हो रहा है। लेकिन
यह भी सच है कि बलात्कार के शिकार भी बुलंद हो रहे हैं। और यही बात है जो सरकार के बावजूद सिर्फ़ एक नहीं बल्कि हर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बना रही है।बलात्कार पहले भी कम नहीं होते थे पर अब बलात्कार के शिकार लोग समाज और राजनीति की आँख में आँख डालकर इस जघन्य कृत्य का बयान कर रहे हैं।
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ऐसा नहीं होता तो सामूहिक बलात्कार की शिकार माँ-बेटी FIR के लिए पुलिस को मज़बूर नहीं करते। उनके घर के पुरुष इतना खुलकर नहीं आते।
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सच है कि बलात्कारियों के पास वोट है, सेकुलर टीवी-अख़बार हैं
लेकिन बलात्कार की शिकार माँ-बेटी के साथ मोबाइल-इंटरनेट पर सवार सोशल मीडिया है।
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FIR का होना, सबूतों को मिट जाने के लिए भगवान भरोसे छोड़ने की साज़िश के बावजूद बलात्कार की घटना को बलात्कार मान कर गिरफ़्तारी करना इस बात की गवाही देते हैं कि
सेकुलरबाज़ टीवी-अख़बारों और उनके तोता-रटंत नायक-नायिकाओं को सोशल मीडिया के अनाम योद्धा धूल चटा रहे हैं।
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बिना टीवी स्क्रीन काला हुए, बिना किसी बिंदी गिरोह के कैंडल मार्च के और बिना अवार्ड-वापसी गिरोह की शिरकत के यह चमत्कार हो रहा है।
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गुलज़ार-जावेद अख़्तर-शबाना आज़मी-आमिर-शाहरुख़-बरखा-रवीश-राजदीप-शेखर गुप्ता की सेकुलर चुप्पी के बावजूद बलात्कार पीड़िताओं और उनके परिवारवालों के हौसले बुलंद हैं।उन्होंने नकली शर्म और इज़्ज़त की चादर उतार फ़ेंकी है
और हमें भविष्य की माँ-बेटियों के स्वरूप का भान कराया है।
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टीवी-अख़बार के स्वयंभू नायक-नायिकाओं को आज वे भले कमज़ोर दिखें लेकिन कल उन्हीं का ज़ोर होगा।इस बात को जो ना समझे वो अनाड़ी है।

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