नेता -पत्रकार छकरे पर लदे हैं, जनता राजधानी एक्सप्रेस पर सवार है
1920 का दशक:
जनता पंजाब मेल पर सवार है और नेता छकरे पर लदे हैं---शिवपूजन सहाय
(एक आकाशधर्मी पत्रकार)
2016:
नेता के साथ-साथ पत्रकार भी आज छकरे पर लदे हैं और जनता राजधानी एक्सप्रेस पर सवार हो चुकी है।
नोट: इस पोस्ट का भक्तों, सेकुलर ग़ुलामों या नोटबंदी से कोई लेना-देना नहीं है।
12.12
जनता पंजाब मेल पर सवार है और नेता छकरे पर लदे हैं---शिवपूजन सहाय
(एक आकाशधर्मी पत्रकार)
2016:
नेता के साथ-साथ पत्रकार भी आज छकरे पर लदे हैं और जनता राजधानी एक्सप्रेस पर सवार हो चुकी है।
नोट: इस पोस्ट का भक्तों, सेकुलर ग़ुलामों या नोटबंदी से कोई लेना-देना नहीं है।
12.12
0 Comments:
Post a Comment
Subscribe to Post Comments [Atom]
<< Home