Tuesday, December 20, 2016

"दिल है ईरान और टर्की में"

"मन मसरूफ है क्लर्की में
दिल है ईरान और टर्की में।"

इसे किसने लिखा है?
गुरुवर प्रोफेसर सुधेश जी ने मशरूफ को मसरूफ करवाया है। मुझे लगता है पहली पंक्ति का पहला शब्द भी शायद कुछ और हो।
13.12

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