परेशानियों के बावजूद देश में राष्ट्रीय जश्न जैसा माहौल
बमुश्किल एक प्रतिशत लोगों ने अंग्रेज़ों से भारत की आज़ादी की लड़ाई में हिस्सा लिया था, 99 प्रतिशत तमाशबीन ही बने रहे। आज़ादी के लगभग सात दशक बाद आज 99 प्रतिशत लोग आज़ादी से भी बड़ा उत्सव मना रहे हैं और एक प्रतिशत रुदाली कर रहा है। किसी ने लिखा है कि 500-1000 के पुराने नोटों की बंदी पर तात्कालिक परेशानियों के बावजूद देश में राष्ट्रीय जश्न जैसा माहौल है जो 1971 के पाकिस्तान युद्ध में विजय से भी बहुत ज्यादा व्यापक और गहरा है।...कहनेवालों का क्या, कुछ भी कह जाते हैं!
13.11
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