Thursday, October 22, 2015

बधाई हो, कामरेड आकार पटेल!

"एमनेस्टी इंटरनेशनल के इक्जीक्यूटिव डायरेक्टर आकार पटेल का 18 अक्टूबर को उर्दू दैनिक इंकिलाब में एक लेख प्रकाशित हुआ है ’ दौरे हाजिर और हिंदुस्तानी मुसलमान’. यानी वर्तमान हालात और भारत के मुसलमान. इसमें उन्होंने कई उदाहरण देते हुए लिखा है कि भारतीय मुसलमानों को बेवजह ही निशाना बनाए जाने की लंबी परंपरा है. "।(सुहैल वहीद की फेसबुक वाल से ।)
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आकार पटेल की प्रजाति जिस बीमारी से ग्रस्त है उसके लछणः

ये लोग वंशाधारित पार्टी काँग्रेस को लोकतंत्र की धुरी मान सकते हैं, 
आरएसएस और आईएसआईएस को एक तराजू पर रख सकते हैं, 
जबतक बहुमत को गाली देने का धंधा है तबतक पूरी तरह सेकुलर हो सकते हैं ,
और  कश्मीर से हिन्दुओं को भगाये जाने और दिल्ली-भागलपुर दंगों को सेकुलर कह सकते हैं ।

क्योंकि वे  भारत में पैदा हुए सेकुलर हैं
जो अपने मूल चरित्र में 'धृतराष्ट्र' हो चुके हैं ।
उनका मन-राडार सिर्फ पाकिस्तानी-
इस्लामिस्ट -कम्युनिस्ट-देशतोड़क सिगनल ही पकड़ता है, भारतीय नहीं।

लेकिन सचमुच भारतीय होते तो आजादी से पहले मौलाना आजाद और आजादी के बाद आरिफ मुहम्मद खान को खारिज करनेवालों के साथ नहीं खड़े होते जिन्होंने देश तोड़ने के लिए कुरान को ताक पर रख शरीया के लिए 'अल तकिया '  तकनीक का सहारा लेते हुए शाहबानो केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को निरस्त कराया;
और
हाल में औरंगजेब और याकूब मेमन के लिए कलाम को खारिज किया ।


ये लोग सिर्फ उन मुसलमानों के साथ  खड़े होते जिन्हें 'मुसलमान हैं हम वतन है सारा जहाँ हमारा' के नाम पर पूरी दुनिया का वैसे ही कबाड़ा करना है जैसे कम्युनिस्टों ने किया जहाँ भी मौका मिला।
इसलिए उन्हें इस्लाम के नाम पर हिंसा से ध्यान भटकाने के लिए राई और पहाड़ को एक साबित करना है, 
चींटी को पागल हाथी का कट्टर दुश्मन साबित करना है और तबतक यह काम करना है जबतक चींटी के समर्थन में बाकी जीव-जंतु इकट्ठा होकर पागल हाथी के ईलाज के बजाय उसका काम न तमाम कर दें...

इन्हे मुसलमानों के खून का चश्का है 
और यह पाखंड वे आजकल 'शाति के मजहब इस्लाम' के नाम पर करते हैं जिसके वर्तमान खलीफाओं का हत्या, बलात्कार और नरसंहार में कोई मुकाबला नहीं है ।
#आईएसआईएस #बोकोहरम #तालिबान #अलकायदा लेटेस्ट फैशन हैं!

फिर तो जब सबकी हत्या हो जाएगी और मुखतलिफ मत का कोई नहीं रहेगा तो 'शाँति' ही पसरेगी पूरी दुनिया में जैसे  'कम्युनिस्ट स्वर्ग' वैसे ही अशरफ मुसलमानों की गुलामी करते हुए अजलफों और अरज़लों का  'निज़ामें मुस्तफा'।

बधाई हो कामरेड पटेल!
वैसे आजकल 'रेड कोरिडोर' में अपहरण-हत्या-वसूली का धंधा कितने हजार करोड़ का हो गया होगा अबतक ?

कोई अपडेट दीजिए क्योंकि आप सरीखे  राष्ट्र को ठेंगा दिखाने वाले अंतरराष्ट्रीय  नागरिक और निजामे मुस्तफा के पैरोकार मित्रों से ही कुछ जानकारी हमें मिल पाती है।

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