Tuesday, October 6, 2015

वे Mistake नहीं, सिर्फ Blunder करते हैं...

इन कम्युनिस्टों से कुछ भी उम्मीद रखना बेमानी है। ये कबीर को मार्क्सवादी और तुलसी को मार्क्सवाद-विरोधी कह सकते हैं ; 1962 के  चीनी हमले का स्वागत और 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में अंग्रेज़ों का साथ दे सकते हैं, आपातकाल का समर्थन कर सकते हैं, केरल और बंगाल की अस्मिताओं का विनाश कर सकते हैं....
जार्ज फर्नांडीस ने 1988 में जेएनयू की एक चुनावी सभा (सतलज छात्रावास) में कहा था:
They Are The Last To Learn...They Are Communists...
सिर्फ एक बात सही है कि इनके काडरों में अधिसंख्य समर्पित होते हैं लेकिन उनके सोचने की शक्ति बड़ी शोचनीय हो जाती है और भारत-विरोध उनके डीएनए का हिस्सा है ।

0 Comments:

Post a Comment

Subscribe to Post Comments [Atom]

<< Home