बुद्धिविलासी कौन? जो बलात्कार को प्यार और प्यार को बलात्कार कह पुरस्कार बटोरे...
शुतुरमुर्ग की तरह बालू में सर छिपाने से तूफान रुक सकता तो न नालंदा विश्वविद्यालय जलाया जाता और न ही भारत की अर्थव्यवस्था को अंग्रेज़ दुनिया की आय के 25% (1750) से 1.5 % (1947) पर ले आते । क्योंकि शुतुरमुर्गी चाल में पिछले हजार सालों में भारत के बुद्धिविलासी लोगों का सानी नहीं है।ये लोग बलात्कार को प्यार और प्यार को बलात्कार बताकर पुरस्कार पर पुरस्कार लेने के लिए जाने जाते है।
0 Comments:
Post a Comment
Subscribe to Post Comments [Atom]
<< Home