Sunday, January 10, 2016

बिहार में जनादेश तो जंगलराज का ही है!

जंगलराज का ही तो जनादेश चंदन-भुजंग को मिला है!
फिर चिल्लपों क्यों?

सुशासन बाबू उर्फ भुजंग लपेटित चंदन कुमार को लेकर कुछ भक्तों ने सवाल उठाना शुरू कर दिया है कि दो महीनों में 500 से ज्यादा हत्याएँ हो चुकी हैं और मुख्यमंत्री हाथ पर हाथ धरे बैठे हुए हैं।टीवी -अख़बार में जब इस कम्युनल गिरोह को
 कोई लिफ्ट नहीं मिला तो ये अब सोशल मीडिया पर स्यापा फैलाने लग गया।
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भई, सुशासन बाबू कोई कम्युनल मोदी नहीं हैं कि सेकुलर मीडिया उनसे घड़ी-घड़ी हिसाब माँगे।लाख चिल्लपों करते रह गए, कलियाचक और मालदा दंगों पर ज़ी न्यूज़ को छोड़ किसी ने ध्यान दिया? वही जब दादरी का मामला था तो मोदी को छोड़िये, पूरे देश की सहिष्णुता पर सवाल उठा दिया गया था कि नहीं?
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गुजरात के कम्युनल दंगों पर अदालत से बेदाग निकलने के बावजूद मोदी पर अभी भी सवाल उठाये जाते हैं जबकि दिल्ली और भागलपुर के सेकुलर दंगे अब किसी को याद भी नहीं हैं।
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तो लब्बोलुआब ये है चंदन कुमार पीएम-2019 के राष्ट्रीय मुहिम पर ध्यान दें कि लोकल अपराधों के नियंत्रण पर? आपराधिक मामलों की जिम्मेदारी भुजंग-कुमारों को थमा वे अब पीएम-2019 की मुहिम पर फोकस कर रहे हैं ।सेकुलरदास के अनुसार  पिछले महीने ही दीदी के साथ उन्होंने मंत्रणा की और पश्चिम बंगाल चुनाव के पीआर के लिए 350 करोड़ का काम एक एजेंसी को थमा दिया।
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सेकुलरदास ने यह भी  बताया कि चंदन कुमार भुजंग प्रसाद को किए अपने वादे पर कायम हैं कि राज्य की कानून-व्यवस्था के मामलों में वे कोई हस्तक्षेप नहीं करेंगे ।आखिर उन्हें जनादेश
 मिला है कि जंगलराज जैसे त्वरित न्याय, दंड और पारदर्शिता की बिहार में वापसी हो! है कि नहीं?

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