Wednesday, August 3, 2016

बुद्धियोद्धा नामवर सिंह बनाम बुद्धिविलासी वामपंथी



*
भारत का ऑफिसियल राष्ट्रवादी तबका या तो बुद्धिविरोधी है या वुद्धिवंचित।
दूसरी तरफ़ सेकुलर-वामपंथी-लिबरल गिरोह
बुद्धिविलासी है या बुद्धिपिशाच।
*
लेकिन मानसिक ग़ुलामी के शिकार दोनों हैं, हीनभावना से ग्रस्त दोनों हैं। इसलिये दोनों ही बौद्धिक कायरता के अप्रतिम उदहारण हैं।
*
पर साथ ही दोनों तरफ़ कुछ बुद्धिवीर भी हैं जो वाद-विवाद-संवाद में विश्वास रखते हैं। ऐसे ही लोगों के कारण केंद्र सरकार के अधीनस्थ 'इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केन्द्र' ने हिन्दी के सर्वाधिक चर्चित आलोचक और भारतीय चिंतक नामवर सिंह के 90 साल के होने पर उनके सम्मान में 28 जुलाई को एक कार्यक्रम किया जिसका , ज़ाहिर है, बुद्धिविरोधी और बुद्धिविलासी दोनों तबके ने विरोध किया।
*
अब उस आयोजक संस्थान के अध्यक्ष श्री
रामबहादुर राय और सचिव डॉ सच्चिदानंद जोशी को उनकी बुद्धिवीरता के लिए धन्यवाद देना तो बनता है न?
*
आदरणीय डॉ नामवर सिंह इसी तरह बुद्धियोद्धा की मानिंद बुद्धिविरोधियों और बुद्धिविलासी- बुद्धिपिशाचों के कलेजे पर मूँग दलते हुए शतायु हों, ईश्वर से यही प्रार्थना है।
#नामवरसिंह #इंदिरागांधी_राष्ट्रीय_कला_केंद्र
#बुद्धिजीवी #बुद्धिविरोधी #बुद्धिविलासी #बुद्धिवंचित #बुद्धिपिशाच #बुद्धिवीर #बुद्धियोद्धा #हीनभावना #मानसिक_ग़ुलामी
#बौद्धिक_कायरता #सच्चिदानंद_जोशी #रामबहादुर_राय

0 Comments:

Post a Comment

Subscribe to Post Comments [Atom]

<< Home