Thursday, December 22, 2016

समान नागरिक संहिता और तीन तलाक़ पर सेकुलर-वामी नारीवादी लापता हैं, क्यों?

समान नागरिक संहिता और तीन तलाक़ पर
बहस से सेकुलर-वामी नारीवादी लापता हैं। इससे क्या यह मतलब निकाला जाए कि वे:
(1) एक नंबरी कायर हैं?
(2) हिन्दू विरोधी हैं?
(3) देश-तोड़कों की गोद में जा बैठे हैं?
(4) इस्लामपरस्त हैं?
(5) लोकतंत्र-विरोधी हैं?
(6) नारीविरोधी हैं?
(7) मुस्लिम-महिला हितों के विरोधी हैं?
(8) सेकुलर खाल में जेहादी हैं?
(9) POK में सर्जिकल स्ट्राइक से उबरे नहीं हैं?
(10) आकाओं की तरफ़ से चुप रहने का आदेश है?
(11) रंगे सियारों की पोल खुल चुकी है?
15.10

0 Comments:

Post a Comment

Subscribe to Post Comments [Atom]

<< Home