Thursday, December 22, 2016

सॉफ्टवेयर बनाम हार्डवेयर

सॉफ्टवेयर बनाम हार्डवेयर

■ अगर आप सिर्फ़ मुसलमान बनाम काफ़िर , ईसाई बनाम पगान, बुर्जुआ बनाम सर्वहारा, फटना बनाम फाड़ देना, जलना बनाम जला देना, औरत बनाम मर्द या प्रकृति बनाम आदम की भाषा समझते हैं तो यह आपके सॉफ्टवेयर का प्रॉब्लम है जिसपर आपका कोई वश नहीं। आप तो महज हार्डवेयर हैं, आपका कोई दोष नहीं।
■ उसी तरह तालिबान, अलक़ायदा, बोकोहराम, लश्करे तोइबा, आईएसआईएस आदि का भी कोई दोष नहीं। यज़ीद, बिन क़ासिम, तैमूर, तुग़लक़, ग़ौरी, ग़ज़नी, नादिरशाह, औरंगज़ेब, हिटलर, लेनिन, स्टालिन, माओ, पोल पॉट और चे ग्वारा सब के सब सॉफ्टवेयर के मारे थे। वे तो हार्डवेयर थे। उनका क्या दोष!
■ कोई सॉफ्टवेयर दो हज़ार साल पुराना है तो कोई चौदह सौ साल। जो लेटेस्ट है वह डेढ़ सौ साल का है। प्रत्येक कमोबेश अंतिम प्रोग्रामर द्वारा अंतिम सॉफ्टवेयर है। अब आप ही लोग बताइये, दुनिया के लोग कहाँ जाएँ, क्या करें।
11।9।16

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