Friday, December 23, 2016

जेएनयू में भारत की बर्बादी के नारों के क्या निहितार्थ हैं?

जेएनयू में भारत की बर्बादी के नारों के क्या निहितार्थ हैं?
यह वैचारिक श्मशान बनने के कगार पर खड़े जेएनयू का सूचक है या फिर श्मशान के ही बस्ती समझे जाने का भ्रम?
जेएनयू छात्रसंघ का चुनाव ज़िंदा लाशों की जुंबिश है या आत्मविस्मृति (Amnesia) के शिकार लोगों के ज़िंदा होने की कोशिश?
6।9।16

0 Comments:

Post a Comment

Subscribe to Post Comments [Atom]

<< Home