जाति कोई बीमारी है: करें क्या, कंट्रोल नहीं होता...
जाति कोई बीमारी है: करें क्या, कंट्रोल नहीं होता...
सुना है #जाति को एक बीमारी मानकर #सेकुलराइटिस के लंदन वाले मरीजों का एक गैंग एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन करवा रहा है। यानी #यूरोपीय_बीमारी के शिकार लोग एक #भारतीय_बीमारी के लक्षण, निदान और ईलाज पर गहन विचार करेंगे?
बात तो सही है।2500 साल से इसका विरोध हो रहा है, और ये #जातिप्रथा है कि रूप बदल-बदल कर फिर सामने खड़ी हो जाती है।
कुछ का तो यह भी कहना है कि अगर ये न होती तो आज #भारतीय_संस्कृति, धर्म, मत, दर्शन, ज्ञान और सभ्यता का वही हस्र होता जो इस्लाम और ईसाइयत के हाथों अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और ईसाई मत के आने के पहले के यूरोप का हुआ, #इस्लाम के हाथों इस्लाम पूर्व के अरब और ईरान का हुआ या फिर हाल के इतिहास का उदाहरण लें तो #ईसाई-#नाज़ियो के हाथों #यहूदियों का हुआ।
जातिप्रथा-वादी तो यहाँ तक दावा करते हैं कि जाति न होती तो आज पूरा #चीन इस्लाम के झंडे तले होता।
बाप रे! जाति तेरी महिमा अपरंपार । अगर तू न होती तो ये #सेकुलर_वामियों की दुकानदारी भी कैसे चलती ।
सब जाति का विरोध करते लेकिन जाति के नाम पर नौकरी, चुनावी लाभ या अपने बाल-बच्चों के स्कूल-कालेजों में दाखिले कोई नहीं छोड़ता।
वैसे जाति का विरोध संवैधानिक भी है।सब का कर्तव्य भी है।
लेकिन अमेरिका में बसे बेटे-बेटी की शादी तो अपनी जाति में ही करेंगे न? नहीं तो #जाति_बिरादरी वाले क्या कहेंगे?
क्या करें, कंट्रोल नहीं होता या फिर कंट्रोल नहीं रहता।
#सनातन_धर्म #हिन्दू_धर्म #सेकुलरिजम #ईसाइयत #सामी_पंथ #जातिवाद #मानसिक_गुलामी
सुना है #जाति को एक बीमारी मानकर #सेकुलराइटिस के लंदन वाले मरीजों का एक गैंग एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन करवा रहा है। यानी #यूरोपीय_बीमारी के शिकार लोग एक #भारतीय_बीमारी के लक्षण, निदान और ईलाज पर गहन विचार करेंगे?
बात तो सही है।2500 साल से इसका विरोध हो रहा है, और ये #जातिप्रथा है कि रूप बदल-बदल कर फिर सामने खड़ी हो जाती है।
कुछ का तो यह भी कहना है कि अगर ये न होती तो आज #भारतीय_संस्कृति, धर्म, मत, दर्शन, ज्ञान और सभ्यता का वही हस्र होता जो इस्लाम और ईसाइयत के हाथों अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और ईसाई मत के आने के पहले के यूरोप का हुआ, #इस्लाम के हाथों इस्लाम पूर्व के अरब और ईरान का हुआ या फिर हाल के इतिहास का उदाहरण लें तो #ईसाई-#नाज़ियो के हाथों #यहूदियों का हुआ।
जातिप्रथा-वादी तो यहाँ तक दावा करते हैं कि जाति न होती तो आज पूरा #चीन इस्लाम के झंडे तले होता।
बाप रे! जाति तेरी महिमा अपरंपार । अगर तू न होती तो ये #सेकुलर_वामियों की दुकानदारी भी कैसे चलती ।
सब जाति का विरोध करते लेकिन जाति के नाम पर नौकरी, चुनावी लाभ या अपने बाल-बच्चों के स्कूल-कालेजों में दाखिले कोई नहीं छोड़ता।
वैसे जाति का विरोध संवैधानिक भी है।सब का कर्तव्य भी है।
लेकिन अमेरिका में बसे बेटे-बेटी की शादी तो अपनी जाति में ही करेंगे न? नहीं तो #जाति_बिरादरी वाले क्या कहेंगे?
क्या करें, कंट्रोल नहीं होता या फिर कंट्रोल नहीं रहता।
#सनातन_धर्म #हिन्दू_धर्म #सेकुलरिजम #ईसाइयत #सामी_पंथ #जातिवाद #मानसिक_गुलामी
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