क्या काँग्रेस नेहरू वंश से मुक्त हो पाएगी ?
पुरातनता का यह निर्मोक सहन करती न प्रकृति पल एक
नित्य नूतनता में आनंद किए है परिवर्तन में टेक ।...प्रसाद
सवाल उछाला जा रहा है कि क्या राहुल गाँधी काँग्रेस की नइया पार लगा पाएँगे?
हद है मानसिक गुलामी और दिमागी दिवालियेपन की!
नित्य नूतनता में आनंद किए है परिवर्तन में टेक ।...प्रसाद
सवाल उछाला जा रहा है कि क्या राहुल गाँधी काँग्रेस की नइया पार लगा पाएँगे?
हद है मानसिक गुलामी और दिमागी दिवालियेपन की!
बुद्धिविलासी बन्धु-भगिनियों,
ये क्यों नहीं पूछ सकते कि क्या काँग्रेस अपना पुनरोद्धार कर पाएगी आंतरिक लोकतंत्र अपनाकर?
क्या यह नेहरू वंश से मुक्त हो यह साबित कर पाएगी कि वह खुद और देश के हित में क्रांतिकारी फैसले लेने में सक्षम है?
नहीं तो जैसे हर वंश का अंत होता है वैसे इसका भी होगा;
सृजन के लिए ध्वंश होगा?
पुरातनता का यह निर्मोक सहन करती न प्रकृति पल एक
नित्य नूतनता में आनंद किए है परिवर्तन में टेक ।...प्रसाद
ये क्यों नहीं पूछ सकते कि क्या काँग्रेस अपना पुनरोद्धार कर पाएगी आंतरिक लोकतंत्र अपनाकर?
क्या यह नेहरू वंश से मुक्त हो यह साबित कर पाएगी कि वह खुद और देश के हित में क्रांतिकारी फैसले लेने में सक्षम है?
नहीं तो जैसे हर वंश का अंत होता है वैसे इसका भी होगा;
सृजन के लिए ध्वंश होगा?
पुरातनता का यह निर्मोक सहन करती न प्रकृति पल एक
नित्य नूतनता में आनंद किए है परिवर्तन में टेक ।...प्रसाद
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