Wednesday, September 23, 2015

हिन्दू-मुसलमान ही क्यों? दूसरे विषय भी तो हैं सीपी सिंह ...उन पर लिखिए...

हिन्दू-मुसलमान ही क्यों?
दूसरे विषय भी तो हैं सीपी सिंह ...उन पर लिखिए...
सहारा कनफ्युजन सेकुलर-वामी भाँटों और चारणों ने फैलाया है जिसके चलते दबा हुए बलतोड़ घाव अब नासूर बन पूरे शरीर और आत्मा को दर्द-दूषित कर रहे हैं।
वही शरीर और आत्मा जो आज मुख्यतः हिन्दू-मुसलमानों से बनती है और जिन हिन्दुओं और मुसलमानों के संदर्भ के बगैर किसी मुद्दे की सर्जरी नहीं की जा सकती ।
क्या किया इन बुद्धिवंचकों ने?
इन्होंने इस बात का सर्वाधिक गलत फायदा उठाया कि भारतीय इतिहास बोध और कालबोध एकरेखीय नहीं था और इसीलिए यूरोपीय तर्ज पर सिर्फ तथ्यों को लेकर यहाँ इतिहास नहीं लिखे गए थे ।
बस क्या था?
सेकुलर भाँटों ने मनमाने ढंग से इतिहास लिख मारे जो भारतीय छोड़ सबकुछ था ।
नहीं तो जिस देश में गणित, भौतिकी, रसायनशास्त्र, नाट्यशास्त्र, भाषाविज्ञान, भैषजविज्ञान, शल्यक्रिया शास्त्र, दर्शन आदि पर बेहतरीन पुस्तकें रची गईं, उस देश में यूरोपीय तर्ज पर इतिहास पुस्तकें नहीं के बराबर हैं । क्यों?
बस सेकुलर-वामी चारणों ने अपने आकाओं को खुश करने के लिए वही सब कुछ किया जो यूरोपीय इतिहास लेखन परंपरा में भी अग्राह्य होता ।
वह था तथ्यों की दुनिया से सिर्फ वही तथ्य चुगना जो मालिकों यानी अंग्रेज़ों और बाद में नेहरू-गाँधी वंश के हाजमें के अनुकूल हो ।
ये सेकुलर इतिहासकारों को चारण कहना चारणों का भी अपमान करना है क्योंकि चारण भी देशतोड़कों के गुनगान करते कम ही देखे गए हैं ।

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